Introduction परिचय

 

      नमस्कार Readers , स्वागत करता हूँ एक और ब्लॉग में | आज का जो ब्लॉग है वह पूरी तरह से डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) के ऊपर है|   डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)  का पूरा ज्ञान आज आपको इस ब्लॉग में मिलेगा और आज इस ब्लॉग में मैं शुरुआत से लेकर अंत तक पूरा बताऊंगा डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)  के बारे में

 

      इस ब्लॉग में आपको से लेकर जेड तक पूरी जानकारी डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)  के बारे में मिलेगीइसमें मैं आपको बताऊंगा क्या इतिहास है डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) का तो चलिए मैं शुरुआत करता हूं एकदम शुरुआत से यह डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) है| यह इंटरनेट (Internet) के बिना संभव नहीं हो सकता था| जब से इंटरनेट (Internet) आया इंटरनेट (Internet) ने हमारी पूरी जिंदगी बदल के रख दी |  

 

      तो चलिए अब बात हुई है इंटरनेट (Internet) की तो इंटरनेट (Internet) के बारे में कुछ जान लेते हैंहां मुझे पता है आप सब लोग को इंटरनेट (Internet) के बारे में पता है फिर भी मैं शुरुआत से लेकर आपको बता देता हूं इंटरनेट (Internet) का इतिहास |


इंटरनेट क्या है ?

 ( What is internet? )

 

    इंटरनेट (Internet) एक ऐसा जाल है जो कि एक इंसान के  कंप्यूटर (Computer) को दूसरे इंसान के कंप्यूटर (Computer) को जोड़ता है वह भी इंटरनेट (Internet) की सहायता से चाहे वह इंसान कहीं भी हो या किसी भी देश का हो |

 

   यह इंटरनेट (Internet) जो है एक दूसरे के कंप्यूटर (Computer) को टी सी पी (TCP:-Transmission Control Protocolया आईपी (IP:-Internet Protocol) के द्वारा जोड़ता है

 

     अब आपने जान लिया कि इंटरनेट (Internet)क्या होता है| तो आपके मन में एक सवाल रहा होगा कि इंटरनेट किसने बनाया| वह भी देख लेते किसने बनाया इंटरनेट ?

 

 

इंटरनेट किसने बनाया?

(Who Invented The Internet?)

 

      Sir Tim Berners-Lee ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) की खोज की 1989 में | और वह एक ब्रिटिश कंप्यूटर साइंटिस्ट (computer scientist) थे

अब जान गए कि इंटरनेट किसने बनाया था अब अगले टॉपिक (Topic) पर बढ़ते की इंटरनेट इंडिया में कब आया ?

 

 

इंटरनेट इंडिया में कब आया?

When did the internet come to India?    



भारत में पहली सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट सेवा 15-अगस्त 1995 को राज्य के स्वामित्व वाली विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) द्वारा शुरू की गई थी।

 

    

      अब हम सब इंटरनेट के बारे में जान गए हैतो अब हम आते है डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing ) के टॉपिक पर | डिजिटल मार्केटिंग (Digital  Marketing) आज के युग में वो हथिआर है जो की अगर आप सब सिख जाओ तो आप बड़े से  बड़े क्लाइंट  को अपने बस में कर सकते हो |

 

     और अपने इस डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) के बिज़नेस को चरम सिमा पर ले जा सकते हो | अब मैं जानता हु ये शब्द सुन कर आपके मन में यह विचार रहे है की कैसे कर सकता हूँ मैं ये डिजिटल मार्केटिंग ? कहा से कर सकता हूँ मैं डिजिटल मार्केटिंग ? किस तरह की जॉब मिल सकती हैं अगर डिजिटल मार्केटिंग सिख गए तो ? और किस  तरह के बिज़नेस सेट कर सकता हूँ अगर डिजिटल मार्केटिंग सिख जाऊं तो ? कितना खर्च करना पड़ेगा मुझे डिजिटल मार्केटिंग कोर्स करने में ?

      मुझे पता है ये सब सवाल अब आपके दिमाग और मन  में गूंज रहे हैं | तो मेरे दोस्तों आप इतना मत सोचिये | इसके ऊपर अपने  मन में से ये सब सवाल निकाल दीजिये |

 

अब सोच रहे होंगे क्यों ? अरे मेरे दोस्तों मुझे पता हैं | इंसानी दिमाग और मन कई सारे सवालों से घिरा हुआ हैं | मै बस यही बताना चाहता हूँ आप इतना मत सोचिये आपका दोस्त यार टेक्निकल विश्वकर्माजी (Technical Vishwakarmaji) यहाँ उपस्थित है आपके लिए , आपको बताने के लिए , आपको सिखाने लिए , आपको एक राह दिखाने के लिए , आपकी मंजिल के राह की तरह आपका कदम बढ़ाने के लिए।  आप मुझे अपना टीचर समझ लीजिये या अपना करीबी दोस्त ,भाई,या यार | मै हमेशा आपके साथ हूँ आपको सिखाने के लिए | तो चलिए बात करते है डिजिटल मार्केटिंग के बारे में | देखा जाए तो डिजिटल मार्केटिंग भी दो अलग अलग शब्दो से मिलकर बना हैं।  पहला डिजिटल और दूसरा मार्केटिंग।  

 

      ये दोनों ही अलग अलग शब्द हैं।  तो मुझे पता है आप सब यहाँ सिख रहे हो।  तो पूरी जानकारी आपको देना और आपको पूरी जानकारी लेना बहुत ही आवश्यक हैं।  तो अब हम जानेंगे और बात करेंगे  डिजिटल (Digital) के बारे में। तो आईये जानते है डिजिटल के बारे में। क्या है डिजिटल ? मतलब क्या है डिजिटल का

 

 

क्या है डिजिटल का मतलब ?

 

        डिजिटल शब्द सुनने में ऐसा लगता है की ये कोई कमाल का  शब्द हैं | लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ  जितना ये सुनने में कमाल का  लगता हैं| ये उतना ही  कमाल का शब्द हैं |

 

       चलिए मैं आपको इसका मतलब एकदम आसान शब्दो में समझाता हूँ | की डिजिटल का मतलब क्या हैं? 

 

       ध्यान से पढियेगा।  पहले के समय में लोगो के पास इंटरनेट सेवा नहीं था।   और आज के समय के जैसा पहले के लोगों के पास प्रौद्योगिकी (Technology) नहीं था | उदाहरण के तौर पर मैं आपको बताता हूं जैसे कि पहले हम बैंकों का जो लेनदेन होता था वह हम बैंक में जाकर ही पूरा करते थे| या हमें किसी के पास पैसे पहुंचाने थे तो हम उसको डाक के द्वारा या किसी इंसान के द्वारा  पहुंचाते थे | और किसी इंसान को कोई संदेश किसी दूसरे इंसान तक पहुंचाना था तो वह डाक के द्वारा ही  भेजता था

 

       पहले हमारे पास प्रौद्योगिकी (Technology) ना होने के कारण हम बाहर देश के लोगों के साथ भी जुड़ नहीं सकते थे | और भी ऐसे कई सारे काम थे जो कि प्रौद्योगिकी (Technology) के बिना नहीं हो पाते  | लेकिन  आज का जो युग है वह  बहुत आगे बढ़ आया हैआज के समय  में सबके पास इंटरनेट सेवा उपलब्ध है|  और आज के समय में सभी के पास एक स्मार्ट फोन जिसको हम मोबाइल भी बोलते हैं| और  कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे कई सारे उपकरण आज उपलब्ध हैऔर आज के  इस समय में इन उपकरणों का और इंटरनेट की सहायता से जो काम पहले हमें कठिन लगते थे| वह आज के समय में  बहुत आसान हो  गए हैं |

 

       जैसे कि पहले लोगों को बैंकों का काम करने के लिए बैंक में ही जाना पड़ता था| और किसी को एक जगह से दूसरी जगह तक पैसा पहुंचाने के लिए भी डाक या किसी इंसान की सहायता लेना पड़ता था | लेकिन अब ऐसा नहीं है आज लोगों के पास इंटरनेट और एक स्मार्टफोन है जिसकी सहायता से लोग बैंकों का काम अपने स्मार्टफोन के जरिए अपने मोबाइल के जरिए पूरा कर ले रहे हैं| और किसी इंसान को एक जगह से लेकर दूसरी जगह तक पैसा पहुंचाना है| या किसी इंसान को पैसा देना है तो वह भी अपने स्मार्टफोन के जरिए लोगों को पैसा दे दे रहा हैऔर  भी ऐसे बहुत सारे काम है जो कि इंसान अपने स्मार्टफोन के जरिए और इंटरनेट की सहायता से कर ले रहे हैं|

 

        जैसे कि ऑनलाइन पेमेंट करना, इंटरनेट बैंकिंग, रेलवे टिकट बुक करना , हवाई जहाज की टिकट बुक करनामूवी टिकट बुक करना, बिजली का बिल, पानी का बिल जैसे और भी  इत्यादि बिल का भुगतान करनाऔर भी ऐसे बहुत सारे काम जो कि हम इंटरनेट और स्मार्टफोन के जरिए हम पूरा कर लेते हैं उसी को डिजिटल बोला जाता है | जो ऊपर मैंने आपको पूरी गहराइयों से बताया है  वही डिजिटल का मतलब है

 

       उम्मीद हैउम्मीद नहीं  मुझे विश्वास है| आप सब डिजिटल का पूरा मतलब जान गए होंगेअब हम जान लेते हैं मार्केटिंग के बारे में मार्केटिंग जो है वह डिजिटल मार्केटिंग  का दूसरा शब्द हैअब हम देखेंगे डिजिटल मार्केटिंग में जो मार्केटिंग है वह क्या है|  क्या मतलब है मार्केटिंग का?

 

 

मार्केटिंग क्या है?

 

ग्राहक की ज़रूरतों को विनिमय के द्वारा पूरा करने को मार्केटिंग कहते है.” – फिलिप कोटलर।

किसी भी बनाए गए उत्पादों को ग्राहकों को चिपकाना, यह मार्केटिंग नहीं है,बल्कि  ग्राहकों को वास्तविक मूल्य देना इसे मार्केटिंग कहते है.” फिलिप कोटलर।

 

 

       आप सब समझ रहे होंगे कि मार्केटिंग का मतलब प्रचार प्रसार करना  है।  मतलब एडवरटाइजिंग और प्रमोशन



       लेकिन मैं आप सबको बता देना चाहता हूं।   यह प्रचार प्रसार मतलब एडवरटाइजिंग और प्रमोशन यह सब मार्केटिंग के प्रकार है। मार्केटिंग को देखा जाए तो इसके शब्द का मतलब बहुत ही गहरा हैयह जो मार्केटिंग शब्द है या मार्केट से  जुड़ा हुआ हैऔर हम सबको मार्केट का मतलब एकदम अच्छी तरह से पता हैजो कि मार्केट का मतलब होता है बाजारबाजार का मतलब होता है जहां पर एक इंसान अपने सामान को या अपनी सर्विस को दूसरे इंसान तक पहुंचाता है



      साधारण शब्दों में बाजार में एक इंसान बेचता है दूसरा इंसान खरीदता है| अब आपको मार्केट का मतलब समझ में गया है तो बात करते हैं मार्केटिंग के बारे में|  मार्केटिंग जो है उसका मतलब होता है  की कोई एक इंसान बाजार में अपने सामान का प्रचार प्रसार किस तरह करता है और किस तरह से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकता है | यह मार्केटिंग का मतलब हैं।  उम्मीद है आपको मार्केटिंग का मतलब समझ में गया होगा| चलिए थोड़ा और मार्केटिंग के बारे में गहराई से जान लेते हैं। 

 

 

 

  • देखा जाए तो मार्केटिंग में मुख्य रूप से तीन बातों का समावेश होता है। 

 

  1. जागरूकता  (Awareness)
  2. आकर्षण  (Attraction)
  3. संतुष्टि  (Satisfaction)

 

 

 चलिए अब बात करते हैं यह मुख्य तीन बातों के बारे में थोड़ा इनके बारे में गहराई से जान लेते हैं। 



1.    जागरूकता  (Awareness)  :- जागरूकता मार्केटिंग का पहला अंग हैअब आप सब सोच रहे होंगे कि जागरूकता का मार्केटिंग  से क्या संबंधतो मैं आपको बता देना चाहता हूं जागरूकता जो है वह बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार निभाता है मार्केटिंग में | अब आप सब सोच रहे होंगे कैसे? तो चलिए मैं आपको उसके बारे में पूरी गहराई से बताता हूं।  कि किस तरह जागरूकता बहुत जरूरी है मार्केटिंग में। 

 

         तो मान लीजिए कोई एक  एक्स वाई जेड कंपनी है।   और  उसका एक एक्स वाई जेड प्रोडक्ट है या  एक्स वाई जेड सर्विस है जोकि एक्स वाई जेड कंपनी ने बनाया हैं।  और उस एक्स वाई जेड कंपनी ने किसके लिए वह प्रोडक्ट ओर सर्विस बनाया है? ग्राहक के लिए।  अब जरा सोचिए एक्स वाई जेड कंपनी ने जो प्रोडक्ट बनाया है या जो सर्विस बनाया हैं।  क्या वह तुरंत ग्राहकों तक पहुंचाएगी और क्या ग्राहक उस प्रोडक्ट या सर्विस को तुरंत खरीदेंगे ?



        नहीं ना।  अब एक्स वाई जेड कंपनी को क्या करना होगा कि ग्राहक उनका प्रोडक्ट या सर्विस खरीदें।  उस कंपनी को ग्राहक को उस प्रोडक्ट और सर्विस के बारे में जानकारी या उनको जागरूक करना पड़ेगा। 

  तभी फिर ग्राहक जो है  उस प्रोडक्ट के बारे में जागरूक होगी।  या फिर उस प्रोडक्ट को लेने का मन  बनाएंगी।   उम्मीद है  आपको जागरूकता के बारे में पूरी तरह से समझ गया होगा की कितना जरूरी है यह मार्केटिंग के लिए।  तो चलिए अब आकर्षण के बारे में बात करेंगे।

 

 


2.            आकर्षण  (attraction):- आकर्षण मार्केटिंग का दूसरा अंग है।  जितना जरूरी जागरूकता था मार्केटिंग के लिए उतना जरूरी आकर्षण भी है।  तो चलिए अब गहराई से आकर्षण के बारे में भी जान लेते हैं।   कि किस तरह आकर्षण जरूरी है मार्केटिंग के लिए

 

          जैसे कि मैंने आपको जागरूकता में बताया कि  एक एक्स वाई जेड  नाम की कंपनी है और उनका एक एक्स वाई जेड नाम का प्रोडक्ट और सर्विस है। जागरूकता में हमने देखा कि हमने ग्राहकों को उस एक्स वाई जेड नाम के प्रोडक्ट और सर्विस के बारे में लोगों को जागरूक तो कर दिया तो अब ऐसा क्या किया जाए कि लोग उस प्रोडक्ट के तरफ आकर्षित हो।  खरीदने के लिए। एक्स वाई जेड नाम की कंपनी को उस  प्रोडक्ट  और सर्विस के फायदे लोगों को बताने पड़ेंगे कि किस तरह से सहायक है आपके लिए मतलब ग्राहक के लिए।  

 

         जब ग्राहक जान जाएंगे कि यह प्रोडक्ट उनके दैनिक दिनचर्या में कितना सहायक हो सकता है तब वह उस प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदने के लिए तैयार हो जाएंगे। अब हम सब आकर्षण के बारे में भी जान गए हैं काफी गहराई से कि किस तरह से ये मार्केटिंग के लिए महत्वपूर्ण है तो अब बात कर लेते हैं संतुष्टि की। कि किस तरह से यह सहायक है मार्केटिंग के लिए। 

 

 

3.             संतुष्टि  (satisfaction) :- संतुष्टि यह मार्केटिंग का तीसरा मुख्य अंग है। हमने इसके पहले पढ़ा  की जागरूकता और आकर्षण किस तरह से सहायक है मार्केटिंग के लिए।  अब हम देखेंगे की संतुष्टि किस तरह से मुख्य अंग अदा  करती है मार्केटिंग में। 

           

           जागरूकता में हमने देखा कि हमने लोगों को एक्स वाई जेड नाम के प्रोडक्ट के बारे में जागरूक किया और उसके बाद आकर्षण में हमने देखा कि किस तरह हम ग्राहकों को एक्स वाई जेड नाम के प्रोडक्ट के लिए आकर्षित कर सकते हैं।   संतुष्टि में यह होता है जब कोई ग्राहक उस एक्स वाई जेड प्रोडक्ट को खरीद लिया तो उसके बाद वह ग्राहक उस प्रोडक्ट को इस्तेमाल करता है। 

 

          इस्तेमाल करने के बाद उस ग्राहक को परिणाम अच्छा दिखता है कि नहीं उसको वह प्रोडक्ट या सर्विस पसंद आया कि नहीं अगर ग्राहक को वह प्रोडक्ट अच्छा लगा और वह उस प्रोडक्ट से संतुष्ट है तो वह ग्राहक दुबारा आप का प्रोडक्ट खरीदेगा को संतुष्टि यही मुख्य रूप अदा करती है मार्केटिंग में।  

 

 

 

         उम्मीद है आप सबको मार्केटिंग के बारे में एकदम अच्छे से पता चल गया होगा। अब हम पूरी तरह से डिजिटल मार्केटिंग के ऊपर बात करने के लिए तैयार है तो अब हम बात करेंगे डिजिटल मार्केटिंग के बारे में।  

 

 

 

     

 

            डिजिटल मार्केटिंग का विषय शुरू करने से पहले  हमने इंटरनेट के बारे में जानकारी हासिल  किये। उसके बाद हमने जाना डिजिटल का मतलब और उसके बाद हमने मार्केटिंग के बारे में गहराई से जानकारी हासिल किये।  तो दोस्तों अब हम डिजिटल मार्केटिंग के बारे में गहराई से जानेंगे कि क्या है डिजिटल मार्केटिंगडिजिटल मार्केटिंग करने का फायदा क्या हैकैसे हम डिजिटल मार्केटिंग के जरिए पैसे कमा सकते हैंडिजिटल मार्केटिंग कैसे किया जाता हैडिजिटल मार्केटिंग में किन-किन चीजों का समावेश होता हैऐसी  कई सारी बातें जो की हम  एकदम गहराई से जानेंगे।  

 

 

डिजिटल मार्केटिंग क्या है?

 

          डिजिटल मार्केटिंग आज के युग का ऐसा  हथियार है।  जो कि छोटे से लेकर बड़े  बिजनेसेस के लिए एक वरदान है।   डिजिटल मार्केटिंग की सहायता से छोटे से लेकर बड़े बिजनेस या व्यापार अपना साम्राज्य बड़ा बना रहे हैं।  

       और आज के समय में चाहे वह छोटा बिज़नेस हो चाहे बड़ा बिज़नेस हो  सभी डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग कर रहे हैं। डिजिटल मार्केटिंग की सहायता से छोटे बिजनेसेस और बड़े बिजनेसेस अपने सर्विस को और अपने प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक बड़ी आसानी से पहुंचा पा रहे हैं।   और यह सब सिर्फ डिजिटल मार्केटिंग की सहायता से हो रहा है।  अब आप सोच रहे होंगे कि छोटे बिज़नेस और बड़े बिज़नेस किस तरह अपने सर्विस को अपने प्रोडक्ट को लोगों तक पहुंचा रहे हैं

 

       तो मैं आपको बता देना चाहता हूं यह डिजिटल  युग है | और आज के युग में  सभी के पास इंटरनेट सेवा उपलब्ध है। और 100% में से 65% लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और यह 65% लोग सोशल मीडिया का भी उपयोग करते हैं।   सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक , इंस्टाग्राम , व्हाट्सएप, यूट्यूब, स्नैपचैट इत्यादि जैसे और भी सोशल मीडिया है। और आज के युग में  सभी छोटे बिजनेसेस  से लेकर बड़े बिजनेसेस सभी इसका इस्तेमाल कर रहे है।  

       अब आप सब सोच रहे होंगे की इंटरनेट और सोशल मीडिया  का इस्तेमाल कर के कैसे ये अपने प्रोडक्ट और सर्विस को लोगो तक पंहुचा रहे है। 

 

           तो दोस्तों जैसे की मैंने आपको पहले बताया की मार्केटिंग का मतलब किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस का प्रचार प्रसार करना होता है। तो वैसे ही यहाँ पर भी लोग प्रचार प्रसार करते हैं। लेकिन उसको लोग ऑनलाइन एडवरटाइजिंग बोलते हैं | इसी ऑनलाइन एडवरटाइजिंग में थोड़ा सा पैसा निवेश करके लोग अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज को ज्यादा लोगो तक पहुंचाया जाता हैऔर ये सब करना बहुत ही आसान है |

       और आप सोच रहे होंगे की कैसे करते है डिजिटल मार्केटिंग ? तो दोस्तों जैसे की  मैंने आपको बोला था की सब मै आपको सिखाने वाला हूँ | तो दोस्तों पूरी तरह से मैं आपको अगले ब्लॉग में बताऊंगा वो भी सब एक एक कर के | तो मिलते है अगले ब्लॉग में | उम्मीद है आप सब  इस ब्लॉग में बहुत कुछ सीखे  होंगे।   और आपको यह ब्लॉग  पढ़कर अच्छा भी लगा होगा | तो कमेंट कर के बताइए  की आप सब ने इस ब्लॉग में क्या क्या सीखे।   और क्या  क्या आपको सिखने मिला बताईये जरूर

 

 धन्यवाद यहां तक पढ़ने के लिए।  और  बधाई हो सफलता की तरफ एक कदम बढ़ाने के लिए।

 

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